तैरने उतरा था कभी कोई दरिया समझकर डूबा तब पता चला कि उसकी आँखें थीं, चार और तैराक उतर गए मुझे बचाने को बचाकर तो ले आते मगर उसकी आँखें थीं ।। ©poetryshrikant #drowning