बेटी "तन बेटा "मन होता है ! बेटी "Zero बेटा "one होता है ! One से "पहले zero होता है ! असल मे one से "बड़ा zero होता है ! बिना zero संख्या "अधूरी है , Zero तो "जीवन की "मजबूरी है ! "बिना Zero "संसार "चल नही सकता , बिना zero कोई "आगे बढ नही सकता ! Zero आगे बढ़ाने की "पहली सीढ़ी है ! Zero से बढती मानव की "पीढी है ! न हो Zero तो "दुनियाॅ नौ पर "अटक जाएगी ! बिना Zero "जीवन के रस्ते से "भटक जाएगी ! Zero वो "शक्ति है जो लाख मे "लगे तो करोड़ कर दे ! Zero मे वो "ताकत जो लाख से "लड़े , तो लाख को भी खाक कर दे ! "Zero कहो या "बेटी बात एक ही होती है ! बेटा "रूह तो बेटी "साॅस होती है ! बेटा "चाह तो बेटी "आह होती है ! बेटा "मंजिल तो बेटी "राह होती है ! "सर्वगुण "संपन्न है बेटी फिर भी , दुनियाॅ को "ना पसंद है बेटी ! जिसके "पास है बेटी वो "भाग्यशाली है ! जिसके पास "नही बेटी उसकी "तीनो जेब , "दोनो हाथ "खाली है ! उसकी "तीनो जेब "दोनो हाथ "खाली है .... ©ARVIND YADAV #nojotoonlinepoetry #daughterlove #nojotopoetry #girl