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लगभग आधा जीवन बीत जाने के बाद अपने अनुभव से मैंने

लगभग आधा जीवन बीत जाने के बाद अपने अनुभव से मैंने स्त्रियों को जितना जाना है उस हिसाब से स्त्री को तीन रूपों में जान पाया हूँ मैं,

● एक स्त्री वो जो घर को जोड़ती है,
● दूसरी वो जो घर को तोड़ती है,
● और तीसरी वो जो तोड़-तोड़ के जोड़ती है।

आजकल तीसरे प्रकार की स्त्रियां बहुतायत में पाई जाती हैं। पहले प्रकार की स्त्रियों में मैंने अपनी माँ के बाद किसी को नहीं देखा, एक वही हैं जो आज तक बस जोड़ती ही आयी हैं चाहे वस्तुएँ हों या रिश्ते,अभी भी हरसम्भव कोशिश करती पाई जा सकती हैं।
          
        गौर करियेगा सोचियेगा और अगर मैं गलत हूँ तो मुझे सही करने का पूरा हक़ है आप सबको।🙏🙏🙏 #read #think #saysomething  #yqdidi #yqbaba
लगभग आधा जीवन बीत जाने के बाद अपने अनुभव से मैंने स्त्रियों को जितना जाना है उस हिसाब से स्त्री को तीन रूपों में जान पाया हूँ मैं,

● एक स्त्री वो जो घर को जोड़ती है,
● दूसरी वो जो घर को तोड़ती है,
● और तीसरी वो जो तोड़-तोड़ के जोड़ती है।

आजकल तीसरे प्रकार की स्त्रियां बहुतायत में पाई जाती हैं। पहले प्रकार की स्त्रियों में मैंने अपनी माँ के बाद किसी को नहीं देखा, एक वही हैं जो आज तक बस जोड़ती ही आयी हैं चाहे वस्तुएँ हों या रिश्ते,अभी भी हरसम्भव कोशिश करती पाई जा सकती हैं।
          
        गौर करियेगा सोचियेगा और अगर मैं गलत हूँ तो मुझे सही करने का पूरा हक़ है आप सबको।🙏🙏🙏 #read #think #saysomething  #yqdidi #yqbaba