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मात पिता का होता जहां सम्मान नहीं वृद्धाश्रम है

मात पिता का होता जहां सम्मान नहीं
  वृद्धाश्रम है घर ही वो मकान नहीं समाज की माने तो सभी दायित्व माता पिता पर प्रारंभ होते हैं और उन्हीं पर समाप्त हो जाते हैं बहुत से आधुनिक सोच के युवा तो यह कहते हुए भी पाए जाते हैं कि माता पिता ने जन्म दिया पालन पोषण किया शिक्षा दीक्षा दी तो क्या अनोखा किया दुनिया में सभी माता पिता करते हैं मतलब सभी दायित्व माता पिता पर ही हैं संतान का न तो कोई दायित्व निर्धारित है माता पिता के प्रति न कर्तव्य..वाह री दुनिया! संतान के विवाह उपरांत उन्हें अपने ही घर में पराया कर दिया जाता है आधुनिक समाज की मानसिकता है कि माता पिता को मात्र घर में रख कर दो वक्त का खाना देने से संतान के सारे दायित्व पूरे हो जाते हैं मगर मेरा प्रश्न है बगैर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार के इसके मायने क्या हैं दो वक्त का भोजन तो वृद्धाश्रम में भी दिया जाता है तो फिर अंतर क्या है घर और वृद्धाश्रम में।
और जँहा बड़े बुजुर्गों का सम्मान न हो वो घर तो क्या मकान कहलाने के योग्य भी नहीं है

#मुक्तक #माता_पिता_का_ऋण #yqdidi    #mapa_ka_ansh
मात पिता का होता जहां सम्मान नहीं
  वृद्धाश्रम है घर ही वो मकान नहीं समाज की माने तो सभी दायित्व माता पिता पर प्रारंभ होते हैं और उन्हीं पर समाप्त हो जाते हैं बहुत से आधुनिक सोच के युवा तो यह कहते हुए भी पाए जाते हैं कि माता पिता ने जन्म दिया पालन पोषण किया शिक्षा दीक्षा दी तो क्या अनोखा किया दुनिया में सभी माता पिता करते हैं मतलब सभी दायित्व माता पिता पर ही हैं संतान का न तो कोई दायित्व निर्धारित है माता पिता के प्रति न कर्तव्य..वाह री दुनिया! संतान के विवाह उपरांत उन्हें अपने ही घर में पराया कर दिया जाता है आधुनिक समाज की मानसिकता है कि माता पिता को मात्र घर में रख कर दो वक्त का खाना देने से संतान के सारे दायित्व पूरे हो जाते हैं मगर मेरा प्रश्न है बगैर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार के इसके मायने क्या हैं दो वक्त का भोजन तो वृद्धाश्रम में भी दिया जाता है तो फिर अंतर क्या है घर और वृद्धाश्रम में।
और जँहा बड़े बुजुर्गों का सम्मान न हो वो घर तो क्या मकान कहलाने के योग्य भी नहीं है

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anshrajora6096

Ansh Rajora

New Creator

समाज की माने तो सभी दायित्व माता पिता पर प्रारंभ होते हैं और उन्हीं पर समाप्त हो जाते हैं बहुत से आधुनिक सोच के युवा तो यह कहते हुए भी पाए जाते हैं कि माता पिता ने जन्म दिया पालन पोषण किया शिक्षा दीक्षा दी तो क्या अनोखा किया दुनिया में सभी माता पिता करते हैं मतलब सभी दायित्व माता पिता पर ही हैं संतान का न तो कोई दायित्व निर्धारित है माता पिता के प्रति न कर्तव्य..वाह री दुनिया! संतान के विवाह उपरांत उन्हें अपने ही घर में पराया कर दिया जाता है आधुनिक समाज की मानसिकता है कि माता पिता को मात्र घर में रख कर दो वक्त का खाना देने से संतान के सारे दायित्व पूरे हो जाते हैं मगर मेरा प्रश्न है बगैर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार के इसके मायने क्या हैं दो वक्त का भोजन तो वृद्धाश्रम में भी दिया जाता है तो फिर अंतर क्या है घर और वृद्धाश्रम में। और जँहा बड़े बुजुर्गों का सम्मान न हो वो घर तो क्या मकान कहलाने के योग्य भी नहीं है #मुक्तक #माता_पिता_का_ऋण #yqdidi #mapa_ka_ansh