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कई बार सोचती हूँ कि रूठ जाऊँ तुमसे, हठ कर प्रेमिका

कई बार सोचती हूँ कि रूठ जाऊँ तुमसे,
हठ कर प्रेमिका सी कहीं चुप चाप बैठी रहूँ,
रोती रहूं बच्चों सी तेरी कुछ पल की 
तवज्जोह की ख़ातिर।
वैसे ही जैसे एक महबूबा नख़रे कर,
रूठा करती है अपने मेहबूब से,
और फिर वो प्यार भरी बातें कर,
कुछ हँसाकर, बहुत सारा लाड़ कर ,
मना लेता है अपनी प्रेयसी को।
पर फिर ये सोच कर कुछ रुक जाती हूँ मैं कि
तुम कभी मुझे मनाने नहीं आओगे।
 #रूठना_मनाना #मेहबूब #प्रेमिका #yqbaba #yqdidi 

Photo credits : qygyzx.com
कई बार सोचती हूँ कि रूठ जाऊँ तुमसे,
हठ कर प्रेमिका सी कहीं चुप चाप बैठी रहूँ,
रोती रहूं बच्चों सी तेरी कुछ पल की 
तवज्जोह की ख़ातिर।
वैसे ही जैसे एक महबूबा नख़रे कर,
रूठा करती है अपने मेहबूब से,
और फिर वो प्यार भरी बातें कर,
कुछ हँसाकर, बहुत सारा लाड़ कर ,
मना लेता है अपनी प्रेयसी को।
पर फिर ये सोच कर कुछ रुक जाती हूँ मैं कि
तुम कभी मुझे मनाने नहीं आओगे।
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