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खुशियाँ मना रहा हूं मुझे रोक लीजिये, मै मुस्कुरा र

खुशियाँ मना रहा हूं मुझे रोक लीजिये,
मै मुस्कुरा रहा हूं मुझे रोक लीजिये,

तूफा के बाद, उसी उजड़े दयार को
फिर से बसा रहा हूं मुझे रोक लीजिये,

घर की तरफ है आग और मै बावला,
दुनिया बचा रहा हूं मुझे रोक लीजिये,

मुझसे ये अगर चाहते हो आदमी रहू 
बाजार जा रहा हूं मुझे रोक लीजिये,

कल रात का खुमार सो उस खुमार मे,
क्या क्या बता रहा हूं मुझे रोक लीजिये।

©Kumar Akshay 
  #दुनिया