जिस्म नोचा, रूह मिचोली.... क्या इंसान के रूप में हैवान हो ¿, पुरुष कहते खुद को असल में पूरी कौम के लिए हराम हो, अब भी सब यू ही जी रहे जैसे बात कोई आम हो...., एक रोज़ खुदा करे हो तुम नारी और निकलो शाम को.. वास्तविकता से वास्ता नहीं , आवाज़ उठाने में कतराते कि ना हमारा अपमान हो... खाल उतार कर झांको अंदर अगर कर सकते विरोध नहीं तो बेशक तुम भी शैतान हो.... आज़ाद कहते भारत को असल में उस दिन हो आज़ाद जब इन कुकर्मो पर लगा पूर्ण विराम हो..... एक सुनहरा सपना मेरा हर नारी का सम्मान हो हर नारी का सम्मान हो ...... ~~~~~RpZr.. #RpZr #StopRape #violenceagainstRape