मैं भारत माता के शिल्पकारों को नमन करता हूं। और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि नई पीढ़ी को भी बेहतर रास्ता दे। 🌷🏵🌹☕🙏🙏🌼😊🙏 : "विनयशील जिनका स्वभाव उर आलोकित सविता थी, अभ्यंतर में विध्यमान स्नेहमयी कविता थी, जिनके कारण विश्व-पटल पर गूँजी हिंदी माता, भारत-रत्न अटल जी मानवता के मर्म के ज्ञाता' : हे कविकुल ज्येष्ठ !