कुछ देर पहले एक खयाल ये आया कि बहुत दूर चले आये हैं शहर से भी क्यूँ ना वापस अब गांवों में जाया जाए बीत गए हैं दशक अपनी माटी को चूमे चलो खुशबू माटी की अब फैलायी जाए शहरों की रोशनी से आंखें चौंधियाई है क्यूँ ना फिर से कोई चिराग़ जलायी जाए शहर के शोर ने कानों को कई मर्म दिए हैं पंछियों की चहचहाट से मरहम लगाई जाए अब मन नहीं लगता इन ईंटो के जंगल में चलो फिर से मेरा एक गाँव बसाया जाए #कुछदेरपहले #collab #yqdidi #yourquoteandmine #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #गाँव #बस्ती Collaborating with YourQuote Didi कुछ देर पहले एक खयाल ये आया कि बहुत दूर चले आये हैं शहर से भी क्यूँ ना वापस अब गांवों में जाया जाए