अब तो बस इंसाफ़ होगा (अनुशीर्षक में पढ़ें) शुरुआती आवंटित पंक्ति - जनता ने अब बहुत सुन लिया आवंटित समापन वाक्यांश - अब तो बस इंसाफ़ होगा अब तो बस इंसाफ़ होगा जनता ने अब बहुत सुन लिया, तुमने तो झूठ बोलने का बीड़ा ही उठा लिया सच सुनना है अब जनता को,