स्नेहिल...नन्दन मुस्काते अधरों का...वंदन निगाहें...ताकती मरुभूमि की...मृगतृष्णा ज्यो...दिलो में मेरे झाँकती हो खड़े..पास जता रही...विस्वास तेरी...हूँ अर्पण...तुझमें है थी अकेली...सांसे तलक... अब तक...जो सारी...मुझमे है कर मध्य...थाम...कटि को बाद दिनों...के कई...आज दिया सम्भला... सम्बल....उसको दिल के जब...कौने का हुआ एहसास... उसको...मुझमे खुद से...मेरे...होने का !! ©Raj choudhary "कुलरिया" #उसकी_मौजूदगी Harlal Mahato Roshani Thakur Amita Tiwari deepti Sandip rohilla स्नेहिल...नन्दन मुस्काते अधरों का...वंदन निगाहें...ताकती मरुभूमि की...मृगतृष्णा ज्यो...दिलो में मेरे झाँकती हो खड़े..पास