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क्या तुम्हें याद है ना होता सावन,भादव का मौसम फिर

क्या तुम्हें याद है ना होता सावन,भादव का मौसम 
फिर भी तुम पर प्यार बरसाया करता था

लगा कर हर पल गले से तुमको 
चेहरे पर तुम्हारे मुस्कान सजाया करता था
 
नही थी कोई जगह हमारी मोहब्बत में पतझड़ की
नूतन की ना आस रख पुराने प्यार को बसंत की तरह महकाता था

क्या तुम्हें याद है ना होता आषाढ़,सावन का मौसम
फिर भी तुमपर अथाह प्यार बरसाता था..

-💞कवि-एक काव्यप्रेमी💞✍️

 ,नीर बहा कर अँखियों से सब कुछ उसने कह डाला
अवशेष बचा था जो मन में चेहरे से मैंने पढ़ डाला।।

श्रृंगार रसों की कविता में मर्म विरह का घोल दिया
जो राज छुपाये थे उर में बातों बातों मे बोल दिया।।

विरह प्रेम की विधा कठिन है समझाने का प्रयास किया
मिलने की आकांक्षा ने ही हर प्रेमी को निराश किया।।
क्या तुम्हें याद है ना होता सावन,भादव का मौसम 
फिर भी तुम पर प्यार बरसाया करता था

लगा कर हर पल गले से तुमको 
चेहरे पर तुम्हारे मुस्कान सजाया करता था
 
नही थी कोई जगह हमारी मोहब्बत में पतझड़ की
नूतन की ना आस रख पुराने प्यार को बसंत की तरह महकाता था

क्या तुम्हें याद है ना होता आषाढ़,सावन का मौसम
फिर भी तुमपर अथाह प्यार बरसाता था..

-💞कवि-एक काव्यप्रेमी💞✍️

 ,नीर बहा कर अँखियों से सब कुछ उसने कह डाला
अवशेष बचा था जो मन में चेहरे से मैंने पढ़ डाला।।

श्रृंगार रसों की कविता में मर्म विरह का घोल दिया
जो राज छुपाये थे उर में बातों बातों मे बोल दिया।।

विरह प्रेम की विधा कठिन है समझाने का प्रयास किया
मिलने की आकांक्षा ने ही हर प्रेमी को निराश किया।।

,नीर बहा कर अँखियों से सब कुछ उसने कह डाला अवशेष बचा था जो मन में चेहरे से मैंने पढ़ डाला।। श्रृंगार रसों की कविता में मर्म विरह का घोल दिया जो राज छुपाये थे उर में बातों बातों मे बोल दिया।। विरह प्रेम की विधा कठिन है समझाने का प्रयास किया मिलने की आकांक्षा ने ही हर प्रेमी को निराश किया।। #LoveStory #heartbroken #YourQuoteAndMine