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आज कुछ बच्चों को देखा, गुबारों में अपना बचपन,भरके

आज कुछ बच्चों को देखा,
गुबारों में अपना बचपन,भरके बेचते देखा।
समझ ये तो आया कि,उनकी उड़ान बहुत ऊंची थी,
पर उनकी डोर,गैरों के हाथों में उलझी थी।
डर लगता है ये गुबारे यहीं ट्रैफिक-लाइट पे न फुट जाये,
बचपन के सपनों से पहले,सपने ये ना टूट जाये।
तुम तो कुचल कर इन्हें आगे कहीं निकल जाओगे,
फिर आगे चल कर इन्ही पे,चोरी का इल्जाम लगाओगे।
सच ये मंजर देख डर सा लगता है।





 जिस बात का डर था...
ये कविता एक दृश्य दिखती है जहां ट्रैफिक लाइट पे कुछ बचे गुबारे बेच रहे है।
Prohibit child labour


#जिसबातकाडर #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
आज कुछ बच्चों को देखा,
गुबारों में अपना बचपन,भरके बेचते देखा।
समझ ये तो आया कि,उनकी उड़ान बहुत ऊंची थी,
पर उनकी डोर,गैरों के हाथों में उलझी थी।
डर लगता है ये गुबारे यहीं ट्रैफिक-लाइट पे न फुट जाये,
बचपन के सपनों से पहले,सपने ये ना टूट जाये।
तुम तो कुचल कर इन्हें आगे कहीं निकल जाओगे,
फिर आगे चल कर इन्ही पे,चोरी का इल्जाम लगाओगे।
सच ये मंजर देख डर सा लगता है।





 जिस बात का डर था...
ये कविता एक दृश्य दिखती है जहां ट्रैफिक लाइट पे कुछ बचे गुबारे बेच रहे है।
Prohibit child labour


#जिसबातकाडर #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

जिस बात का डर था... ये कविता एक दृश्य दिखती है जहां ट्रैफिक लाइट पे कुछ बचे गुबारे बेच रहे है। Prohibit child labour #जिसबातकाडर #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi