याद है मुझे वो लडा़ई बचपन की, जिसमें पूरा हिसाब होता था, पिछली बार तूने कट्टी की थी इस बार मेरी बारी कितनी सरल,मीठी ,आसान थी वो लड़ाई रोज कट्टी का कोई बहाना हर बार बट्टी का नया तरीका फिर मासूम दिल की कोशिशें इक दूसरे को मनाने की और फिर सब भूल जाना.... #yqdidi#yqdidifeelings#yqqotes#yqhindipoetry#yqchildhood