।।साहित्य।। दोषारोपण और रोना धोना, यह साहित्य का मूल्य नहीं जो चट्टानों से लड़ना सीखे, सचमुच है मानव तुल्य वही । उठो जागो और भागो, इस प्रगति के मैदान में, यही सीखा हमनें प्रबुद्ध जनों के लहू, त्याग और बलिदान से। ©Jayshree Rai #jayshreeRai #poatry