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क्या खूब लिखा था ग़ालिब ने , कि किसी रोते को हसाया

क्या खूब लिखा था ग़ालिब ने , कि किसी रोते को हसाया जाए ,
आज हैवानियत है चीखती , कि किसी औरत को जलाया जाए।
हम बेटियां पढ़ा रहे हैं , बेटियां बड़ा रहे है,
बीमार है दरिंदे जो बेटियां जला रहे है।
मुग़ल तो नही ,ये कौन सा धरम चला रहे है ,
हर सूनी सी गली में मानो हरम चला रहे है ।
इंसानीयत भी रो पड़ी , उस निज़ाम की गली में,
हवस जहा पे पल रही , प्रियंका की बली में |
कानून के चके भी उसकी गाड़ी जैसे पंचर है,
जल रही चिता मानो भारत माँ पे खंजर है।
उठा कदम समाज मे , कि अब दर्द न रह जाए ,
मिले सज़ा अब ऐसी ,कि दोषी मर्द न रह जाए।। हरम : मुग़ल काल मे वेश्याओ का केंद्र।।
#priyanka_reddy
#we_want_justice
#rest_in_peace
क्या खूब लिखा था ग़ालिब ने , कि किसी रोते को हसाया जाए ,
आज हैवानियत है चीखती , कि किसी औरत को जलाया जाए।
हम बेटियां पढ़ा रहे हैं , बेटियां बड़ा रहे है,
बीमार है दरिंदे जो बेटियां जला रहे है।
मुग़ल तो नही ,ये कौन सा धरम चला रहे है ,
हर सूनी सी गली में मानो हरम चला रहे है ।
इंसानीयत भी रो पड़ी , उस निज़ाम की गली में,
हवस जहा पे पल रही , प्रियंका की बली में |
कानून के चके भी उसकी गाड़ी जैसे पंचर है,
जल रही चिता मानो भारत माँ पे खंजर है।
उठा कदम समाज मे , कि अब दर्द न रह जाए ,
मिले सज़ा अब ऐसी ,कि दोषी मर्द न रह जाए।। हरम : मुग़ल काल मे वेश्याओ का केंद्र।।
#priyanka_reddy
#we_want_justice
#rest_in_peace

हरम : मुग़ल काल मे वेश्याओ का केंद्र।। #priyanka_reddy #WE_WANT_JUSTICE #rest_in_peace #विचार