कामयाब होने की ख्वाहिश कुछ इस कदर थी की वक्त को भी वेवक्त ही पीछे छोड़ना पड़ा आखिर क्यों नहीं कामयाब के रास्ते में लाजवाब जो आस लगाए खड़ी थी सोचा लाजवाब ही पहले बन जाता हूं फिर कामयाब तो हो ही जाऊंगा ©Shashi Ranjan Pratap Singh #वेवक्त वक्त की रफ्तार###