#नोबेल_विजेता_रवींद्रनाथ_टैगोर_कृत
ऐकला_चोलो_रे.... (Hindi version)
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो
फिर चल अकेला रे फिर चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला.... चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला रे
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे