चुनावी घोषणा पत्र घोषणापत्र यानी एक काग़ज़ पर अपने विचारों को लिखकर उसकी घोषणा करना शायद यही या फिर कुछ और मगर जब घोषणा पत्र के आगे चुनावी शब्द लग जाता है तब यह 'खज़ाने' के किसी 'नक्शे' की तरह हर हाथों में दिखाई देने लगता है!! चुनाव से कुछ पहले प्रत्येक दल सत्ता में आने के बाद अपने द्वारा किए जाने वाले कार्यों का उल्लेख घोषणा पत्र में करते हैं और जनता को इस बात का आश्वासन दिलाते हैं की सत्ता में आने के बाद वे इन कार्यों को संपन्न करेंगे! मगर यह चुनावी घोषणा पत्र आख़िर बनता कैसे हैं शेफ संजीव कपूर की रेसिपी की तरह इसमें भी बढ़िया से सामग्री मिलाकर आख़री में एक "व्यंजन" तैयार किया जाता है जिसका स्वाद कैसा है ,यह तो चुनाव के उपरांत पता चलना चाहिए था मगर यह व्यंजन तो 'mr india' हो जाता है तो फिर स्वाद का तो कहीं सवाल ही नहीं बनता ऐसे मुद्दों की सारणी बनाई जाती है जिसे एक सत्ता से दूसरी सत्ता में ट्रांसफर किए जाते हैं ठीक उसी प्रकार जैसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में 'जीन' ट्रांसफर होते हैं। और शायद अगले दल के लिए भी अगले चुनाव में यह मुद्दे अपने घोषणा पत्र में शामिल हो जाए।