मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए , मगर तुमने ऐसा करने को मजबूर कर दिया। अब अश्क बहाने से क्या होगा तुम ना मिली , तो मैं किसी और का हो गया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए , मगर तुमने ऐसा करने को मजबूर कर दिया। अब अश्क बहाने से क्या होगा तुम ना मिली , तो मैं किसी और का हो गया।। #hakim #hakimuddin #अरमान #yqshayari #हिंदी_साहित्य