पर्वतों को पार कर, दूर आसमान में कहीं, चल ले चलूँ तुझे, जहाँ परियों का बसेरा हो, जहाँ सुनहरा सवेरा हो, थम जाये वक्त जहाँ, सिर्फ मैं और तू हों, नहीं राग कोई दूसरा हो।। #अंकित सारस्वत # #पर्वतों को पार कर