नाले मेरे रूह के जा के तेरे रूह तक होके अनसुने लौट आते हैं वापस मुझ तक हो जाते हैं फिर कैद-ए-मकां कैद-ए-मकां कहने को तो है यादें तिलस्मी पर यही देते हैं आखों को नमी सहरा जब बन जाता है दिल का ये जमी यादें ही वो भिगो देते हैं बन के कोई रवां बन के रवां #sunrays #Nojoto # rooh # yaaden fraction of my song 'Nale mere rooh k' nale- aavaz, sahra- registan Ravan- jharna