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सोचो !जो शब्द मैं अपनी, किताब में लिखूंगा, वो जिंद

सोचो !जो शब्द मैं अपनी,
किताब में लिखूंगा,
वो जिंदा रहेंगे,
या तुम्हारी आलोचना !
(दीपक एकलव्य) लेखक दीपक एकलव्य की कलम से
सोचो !जो शब्द मैं अपनी,
किताब में लिखूंगा,
वो जिंदा रहेंगे,
या तुम्हारी आलोचना !
(दीपक एकलव्य) लेखक दीपक एकलव्य की कलम से