तुम! अरे! हाँ तुम!! तुम न बहोत खास हो, मेरे दिल के बेहद पास हो, नामुमकिन सा लगता है अब गुजारा तुम बिन, तुम न मुझसे होकर गुजरता सा वो हसीं एहसास हो, तुम! अरे! हाँ तुम ही तो!! तुम ही तो हो, जो मेरी चाह्तों का समंदर हो, मेरे दिल में उठे सवालों का एक उडा सा बबन्डर हो, बहोत खाली सा लगता है ये हर लम्हा तुम बिन, तुम न मेरी खामोशी में अश्क़ बन मेरी इन आंखों के अंदर हो! तुम! अरे! हाँ तुम!! तुम ही तो हो, जो मेरी नीदें चुराता है, मेरी चुप सी ज़िन्दगी को मुस्कराने की वजह दे जाता है, बहोत अकेला सा पाती हूँ खुद को तुम बिन, तुम न वो हो जो मुझे हमारे लिये जीना सिखाता है। $hubh!'s_words #my_words #randomnessoflife #tum #love