हुआ जो बे-नवा तो तौहीद के सर्रार पढ़ कर इताब कार-ऐ-सवाब रेग्जार-ऐ-गुलजपा का अलाप छोड़!! बे-नवा >कंगाल/दीन हीन तौहीद >एक ईश्वर को मानना कार-ऐ-सवाब > दान पुण्य काम रेग्जार-ऐ-गुलजपा > पलायन #fame_khan