थे कभी नहाते बारिशों में, अब भीगना भी अच्छा नहीं लगता, वक़्त की मार से बदलता ये सफीना अच्छा नहीं लगता, हैं कुछ जरूरतें, कुछ ख्वाहिशें शोहरत की, वरना घर से दूर रहना अच्छा नहीं लगता।। #home #shayri #college