सम्मान हमेशा न जाने कितने मकान जमीदोज हुए, भूल कर अहमियत बूढ़े नीव की। शान से खड़े है वो मकान आज भी, जहां होता है सम्मान हमेशा बुजुर्गों का।। ©Vivek Singh न जाने कितने मकान #जमीदोंज हुए, भूल कर #अहमियत #बूढ़े नीव की। #शान से खड़े है वो #मकान आज भी, जहां होता है #सम्मान #हमेशा #बुजुर्गों का।। #samman #PoetInYou