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सम्मान हमेशा न जाने कितने मकान जमीदोज हुए, भूल कर

सम्मान हमेशा  न जाने कितने मकान जमीदोज हुए,
भूल कर अहमियत बूढ़े नीव की।
शान से खड़े है वो मकान आज भी,
जहां होता है सम्मान हमेशा बुजुर्गों का।।

©Vivek Singh न जाने कितने मकान #जमीदोंज  हुए,
भूल कर #अहमियत #बूढ़े नीव की।
#शान से खड़े है वो #मकान  आज भी,
जहां होता है #सम्मान #हमेशा  #बुजुर्गों का।।
#samman 
#PoetInYou
सम्मान हमेशा  न जाने कितने मकान जमीदोज हुए,
भूल कर अहमियत बूढ़े नीव की।
शान से खड़े है वो मकान आज भी,
जहां होता है सम्मान हमेशा बुजुर्गों का।।

©Vivek Singh न जाने कितने मकान #जमीदोंज  हुए,
भूल कर #अहमियत #बूढ़े नीव की।
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जहां होता है #सम्मान #हमेशा  #बुजुर्गों का।।
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vvksng01652

Vivek Singh

New Creator

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