हाँ... शायद सही है अंतर तो है तुम में और मुझ में स्त्री और पुरुष में मैं भावों को अभिव्यक्त कर देती हूँ सीधे सरल सहज रूप में और तुम... दमन करते हुए भावों का बिखर जाते हो शब्दों में भी, अस्त-व्यस्त नज़र आते हो...! Muनेश...Meरी✍️🌹 किसान की व्यथा कौन समझे...व्यथा समझते हैं पर बता नहीं पाते शब्दों में... #कविता #किसान #किसान_की_व्यथा #शब्द #yqhindi #yqquotes #abhaybhadouriya #YourQuoteAndMine Collaborating with Abhay Bhadouriya