इक जश्न क्यूं है चारों तरफ़ ग़म के नाम पर? ये कैसा तमाशा है मुहर्रम के नाम पर! राहे ख़ुदा में आज भी ज़िंदा हुसैन हैं, फिर क्यूं लहू बहाते हो मातम के नाम पर! सजदे में सर कटा के भी झुकने नहीं दिया, क्या-क्या उठा रहे हो् तुम परचम के नाम पर! अहले-ख़ुदा का नाम सदा से बुलंद था, फिर क्या सुना रहे हो ये ढम-ढम के नाम पर! #yqaliem #muharram #yaum_e_gham #tamasha #matam #shahadat_imamHussain