पहले जैसा अब गुफ्तगु नहीं होता कभी मैं नहीं तो कभी तुं नहीं होता मिलते फिर कभी उसी ठिकाने पे बारहा "इंदर" ऐसा क्यूं नहीं होता .....इंदर भोले नाथ #अल्फ़ाज़#जो#निकले#दिल से #alfazeinder#nojotohindipoetry#shayari