अपने अहम में चूर खूब शोर मचाते बेफिक्री के छल्ले उड़ाते तुम,,,,, जब उड़ते हो ऊंचे आसमान में बादल की तरह बेकरार होकर,,, ये भूलकर कि तुम और मैं मेरी बूंद बूंद से कण कण से मिलकर बने हो तुम,,,, मैं नदी फिर भी तुम्हें पनाह देती हूं जब टूट जाते हो बिखर जाते हो तुम,,,, #बूंदे #yqdidi #तुम #मैंऔरतुम