खबर है कुछ कि कोई कैसे तेरे बिन जी रहा है कैसे टूटे दिल के हर टुकड़े को समेट कर फिर सी रहा है ज़हर का घूँट बन गयी जिंदगी फिर भी हर घूँट पी रहा है फिर भी