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तब कौन जानता था की तब कौन जानता था की जिंदगी मे

तब कौन जानता था की

तब कौन जानता था की
जिंदगी मे ऐसा भी मोड आयेगा
इतनी वाफाओ के बाद भी
वो हमे बेवजह छोड जायेगा

गीर संभल कर लडखडा के
हम चलना तो सिख गये
पर उनकी यादों की बरसात में
हम न चाहते हुये भी भिग गये

तब कौन जानता था एकदिन
जिंदगी फिरसे वही मोड लायेगी
उन्हे मेरे सामने खडा कर
उसी मोड मे छोड जायेगी

तब कौन जानता था फिरसे
आँखो के सामने वही मंजर होगा
उनकी पीठ होगि और
वक्त के हाथो खंजर होगा

                         -	राशि
rakeshkavita.blogspot.in

©Rashi तब कौन जानता था की

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तब कौन जानता था की

तब कौन जानता था की
जिंदगी मे ऐसा भी मोड आयेगा
इतनी वाफाओ के बाद भी
वो हमे बेवजह छोड जायेगा

गीर संभल कर लडखडा के
हम चलना तो सिख गये
पर उनकी यादों की बरसात में
हम न चाहते हुये भी भिग गये

तब कौन जानता था एकदिन
जिंदगी फिरसे वही मोड लायेगी
उन्हे मेरे सामने खडा कर
उसी मोड मे छोड जायेगी

तब कौन जानता था फिरसे
आँखो के सामने वही मंजर होगा
उनकी पीठ होगि और
वक्त के हाथो खंजर होगा

                         -	राशि
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