सखी मेरे दर्द के पैमाने दर्ज पैमानों को पछाड़ कर निकले आंखों के देखते-देखते हाथ आए ख्वाब मेरे हाथों से फिसले दंग है फिज़ा भी हवा के झोंके नजदीक से तूफान बन गुजरे सबसे पहले तो करीबी ही मेरे करीब से अनजान बन गुजरे बबली गुर्जर ©Babli Gurjar पैमाने KK क्षत्राणी वंदना ....