समर्पण ही प्रेम की भाषा है, हर किसी के लिए इसकी एक अलग परिभाषा है, कोई कहे सिया - राम का प्रेम अमर है, कोई कहे राधा - कृष्ण का प्रेम अलग है, किसी के लिए लैला - मजनू सच्चे प्रेमी है, किसी के लिए प्रेम के कोई मायने नहीं जिसके साथ जीने में और जिसके लिए मरने में दिल को कोई शिकायत ना हो मेरे लिए वही प्रेम है और यही मेरे प्रेम की परिभाषा है।। The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। 30 शब्दों में अपनी रचना लिखें। #yqdidi #yqbaba #yqyourquoteandmine #thewriterjunction #प्रेमकीपरिभाषाtwj 👉 आपकी रचना मौलिक होनी चाहिये। 👉 समय सीमा - 06 जून 2020 शाम 16:30 तक 👉 कृपया हमारे Hashtags बरकरार रखें। 👉 कृपया Collab करने के पश्चात Comment में Done करें।