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बादल से चलकर बारिश शहर तक आती है बारिश में एक शहर

बादल से चलकर बारिश शहर तक आती है 
बारिश में एक शहर भींगता है
शहर के बाहर जो एक नदी है
बारिश में वह नदी मन भर नहाती है

नदी की नाव लहरों से डोलती है
नाव में बैठी वो किसी बात से हँसती है

स्मृति शिशु की उचटी हुई नींद है
जाने कब करवट ले बैठती है बारिश में नदी
बादल से चलकर बारिश शहर तक आती है 
बारिश में एक शहर भींगता है
शहर के बाहर जो एक नदी है
बारिश में वह नदी मन भर नहाती है

नदी की नाव लहरों से डोलती है
नाव में बैठी वो किसी बात से हँसती है

स्मृति शिशु की उचटी हुई नींद है
जाने कब करवट ले बैठती है बारिश में नदी

बारिश में नदी #कविता