बाबुल का घर छोड़, पिया के घर की ओर कदम बढ़ाए। गैरों से नाता जोड़ा तो, अपने सारे रिश्ते जैसे हुए पराए। सपनों से भरे नैना संग, खुशहाल जिंदगी के सपने सजाए। दिल ने खुशी से सारी रस्में और सारे रीति-रिवाज निभाए। पिया मिलन की खुशी में दिल ने, जाने कितने जज्बात जगाए। भूल गए सारे दुःख और दर्द हम, जब पिया दोस्ती का हाथ बढ़ाए। टूट गए सारे सपने और सपनों से भरे नैना अश्कों से भर गए। अपना दोस्त बना कर, अपनी मोहब्बत के हमको किस्से सुनाए। टूट गये सारे ख्वाब, सारी खुशी चकनाचूर हो गई, जब वह मुस्कुराए। कैसे मान लें दिल उन्हें अपना, जो दहेज के नाम पर हमसे शादी रचाए। अपनी हकीकत बता कर वो, अब हमसे हैं वफा की उम्मीद लगाए। कैसे जिए हम जिंदगी और कैसे किसी को अपना हाल-ए-दिल बताएं। -"Ek Soch" विशेष प्रतियोगिता:- Note:- विशेष प्रतियोगिता महिने की 1,15,30,31 तारीख को आयोजित की जाती है। 👉collab करके comment में done लिखे। 👉 समय सीमा- 24 घन्टे तक 👉शब्द सीमा-अनिश्चित 👉 10 top रचना को testimonial दिया जायेगा। 👉 #collabwithपंचपोथी #पंचपोथी #सपनो_से_भरे_नैना 👉 Panchpothi. Blogspot.com को एक बार visit अवश्य करे, link bio में दी गयी है।