मुझसे भूल हुई खुद को खोना भी क्या भूल है मैं कबूलता हूं सौ सौ बार सौ गलतियां उभर कर आती है सामने मेरे प्रश्नचिन्ह किस पर लगे माथा रिक्त हैं सामने मेरे उलझनओ के इन पहियों में कुछ और समझ नहीं आता वक्त की कटी इन बेड़ियों में कुछ और नजर नहीं आता जवाब किससे मैं मांगू खोया तो खुद को है सवाल किससे मैं पूछूं गलतियों की बारिश मै भिगोया तो खुद को है Yãsh #Waterfall&Stars #poemoftheday #poem #Poetry #Shayari #words