मै तो बादशाह हुँ,,,,,,,,,,फकीरी का दोस्तो फकीर बनकर जीने मे जो मजा है वो सुल्तान बनकर महलो मे रहने से नही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,, क्योकि फकीर के किस्मत मे खुला आसमान होता है , कुदरत की मस्ती होती है,,,,,, सुल्तान के जीवन मे बंदिशे होती है,,,,,,पग-पग पर मौत का साया,,,,,,,