वह ना उस छोटी शरारती चिड़िया जैसी थी जो हर वक्त चहकती रहती थी.. ना खुद का होश ना जमाने का पता वो बड़ी होकर भी बच्ची जैसे रहतीं थीं आज भी वो मां की गोद में सर रख कर सोया करती थी वो लगभग हर मूवी का ऐंड देखकर रोया करती मासुमियत तो पूछो ही मत, उस पागल की.. वो आये दिन सड़क से कुत्ते के बच्चे उठा लाया करती थी अब से ये मेरे बच्चे हैं, मेरे साथ खायेंगे, साथ खेलेंगे और मेरे साथ ही रहेंगे वो ज़ज साहीबा, ऐसे ऐसे हुक्म सुनाया करती थीं तनहाई में वो पंछी देखा करती थी, उनसे बातें करने की कोशिश किया करती थी वो वाला पंछी आकर मेरे सर पर बैठे, यह तो उसकी , आखिरी विश हुआ करती थी सच तो यह है साहेब वह पंछी ने खुद को ढूंढा करती थी.. एक दिन वो शहनाई की आवाज़ों के मे अपने शहजादे के साथ चली गई एक वो दिन था एक आज है, तब से वो पूरी बदल गई.. सूना है कि अब वो किसी से उतनी बातें नहीं करती सूना ये भी है कि अब वो कुत्ते भी नहीं रखती सुना पंछीयों की आवाज से उसे डर लगने लगा है.. सुना था कि कोई चोट लगी थी उसे, अब उसमें ज़हर भरने लगा है Part 2.. Coming Soon.. #Chiriya #Nojoto #NojotoNews 💔💔💔💔 शोभना 'ऋतु' वैदेही