जिन्हें देखकर हम जिए जा रहे हैं वह पर्दे पर पर्दा किए जा रहे हैं ना काली घटा है ना पीने का मौसम फिर भी वह देखो पिए जा रहे हैं ---- नितिन मिश्रा Wo parde pe parda # Nitin Mishra