आ पास आ #पेशानी पर तेरी इश्क़ की मोहर लगा दूँ #खुदा माना है तुझे चाहत का तूफान उठा दूँ कितने #इम्तिहान बाकी है बोल कहे तो सब कुछ लूटा दूँ मुश्ताक-ए-खामोशी तेरी #दर्द दे गई मुझे #दास्ताँ न बना जिंदा हूं मैं जज्बातों को बोल क्या आग लगा दूँ मुहब्बत मे मेरी #ईमानदारी है, तू बिछा #दामन,कहे तो सितारे बिछा दूँ मुझे रुसवा मत करना,मेरा #इश्क़ वो है अमावस को भी तेरी मैं पूनम करा दूँ.. ❤️ ©Manju Sharma