रामधारी सिंह दिनकर 🙏🙏 ओज,विद्रोह,क्रांति बोलकर कोमल, श्रृंगारित तुम्हें सोचकर सिमरिया की मिट्टी अनमोल कर नाम तेरा अमर रहेगा दिनकर सौम्य सरल जिसका विचार रश्मि, कुरुक्षेत्र तेरी हुंकार हैरान हुआ सता का चाटुकार देख तेरी गर्जन,मच गया हाहाकार छा गया था सन्नाटा सदन में कह दिया जो था तेरे मन मे कुर्सी धूल थी तेरे जीवन मे कांटो का ताज मिला था उपवन मे सत्ताधीश भी हो गये हैरान कलम से बोलने वाला वो इंसान उसने याद दिलाया देश का स्वाभिमान देश की माटी में बसा था उसका प्राण राष्ट्रकवि पहचान तुम्हारी अमरता के पद का तू अधिकारी उस मात पिता को है श्रद्धांजलि हमारी रवि के मनरुप का तू रामधारी l ✍️नीलेश सिंह पटना विश्वविद्यालय ©Nilesh #दिनकर