कर लो लाख जतन, ऐसा प्यार न पाओगे कहीं, भाई बहन जैसा जोड़ीदार न पाओगे कहीं। वह शीश पर बहन की हाथ हमेशा होता है यारों, एक महफूज़ झप्पी प्यार की ऐसी न पाओगे कहीं। वह बिलखना बहन का भाई के देर आगमन पर, आते ही दोनों का लड़कर रूठना न पाओगे कहीं। जब भी साथ हों दोनों जुड़वों की तरह करे मस्ती, इस तरह का प्यार दोनों के बीच न पाओगे कहीं। जब ससुराल में रहें बहना, याद भाई की आती सदा, उसके जैसे मज़ाक में बातें सरलता से कहने वाला न पाओगे कहीं।। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1099 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।