जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आँगन को देखो कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोक मनाता है जो बीत गई सो बात गई.. ~ हरिवंशराय बच्चन End of an era #RishiKapoor #Rudrawords