ये जो तबस्सुम है तकल्लुफ़ है महज़ महफ़िल के वास्ते अफ़्सुर्दगी कि तरफ़ जाते हैं वरना तनहाईयों के तमाम रास्ते अफ़्सुर्दगी - melancholy