Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़ख्म तो सीने में हो चुके थे, तेरे देखने भरसे, मिले

ज़ख्म तो सीने में हो चुके थे, तेरे देखने भरसे,
मिले इंसाफ उन्हें तो इश्क़ में गिरना पड़ा। ज़ख्म तो सीने में हो चुके थे, तेरे देखने भरसे,
मिले इंसाफ उन्हें तो इश्क़ में गिरना पड़ा।
ज़ख्म तो सीने में हो चुके थे, तेरे देखने भरसे,
मिले इंसाफ उन्हें तो इश्क़ में गिरना पड़ा। ज़ख्म तो सीने में हो चुके थे, तेरे देखने भरसे,
मिले इंसाफ उन्हें तो इश्क़ में गिरना पड़ा।