मगरमच्छ करते हैं इंकार दरिया से निकलने के लिए इंसान ही काफी यहाँ इंसान को निगलने के लिए मकड़ियों ने कहा कि जरूरत अब हमारी नहीं इंसाँ को ही बुलाओ अब जाल उगलने के लिए गिरगिट कहता है ए इंसा झांक ले गिरेहबां में तू क्यों बदनाम करता है हमें ही रंग बदलने के लिए खुद को जानवर कहकर उन्हें बदनाम करते हो नहीं मारते वो किसी को खुद संभलने के लिए सफीना डूबा भले ज़िंदा है इंसानियत तह में अभी इक मौज तो लाओ कोई बाहर निकलने के लिए है जज़्बा दुनिया बदलने का कारवां की जरूरत नहीं "अंश" बस एक नुक़्ता काफी है लफ्ज़ बदलने के लिए💗 Title - जानवर से बद्तर इंसान अक्सर जब भी कुछ अप्रिय घटित होता है तो हम उन नाम के इंसानों को पशुओं की उपमाएं देते हैं पर क्या उन नाम के इंसानों को पशुओं की उपमाएं देना खुद पशुओं का अपमान नहीं है ?? यदि ये बेज़ुबान बोल सकते तो शायद यही पूछते इंसानों से.... आप सबकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है🙏🙏 Arpan Vishnoi bhai se prerit😊 #yqbaba #yqdidi #yopowrimo #nazm