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क्या झांकते फिरते हो तुम दरारों से फिर हँस हँस के

क्या झांकते फिरते हो तुम दरारों से
फिर हँस हँस के कहते हो हजारों से।
सुनते तुम हो दिवारों से लगाकर कान
कहते फिरते हो कान होते हैं दिवारों के। दिवारों के कान होना
क्या झांकते फिरते हो तुम दरारों से
फिर हँस हँस के कहते हो हजारों से।
सुनते तुम हो दिवारों से लगाकर कान
कहते फिरते हो कान होते हैं दिवारों के। दिवारों के कान होना
ckjohny5867

CK JOHNY

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